Chintamani Vinayak (चिंतामणि विनायक, मणिकर्णिका)

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Chintamani Vinayak
(चिंतामणि विनायक, मणिकर्णिका)

स्कन्दपुराण : काशीखण्ड

नागेश्वरो हरिश्चंद्रश्चिंतामणिविनायकः । सेनाविनायकश्चाथ द्रष्टव्यः सर्वविघ्नहृत् ।।
नागेश्वर, हरिश्चंद्र, चिंतामणिविनायक और सेनाविनायक, सभी बाधाओं को दूर करने वाले।

यहां इस बात पर ध्यान देना आवश्यक है कि चिंतामणि विनायक ईश्वरगंगी, 56 विनायक अंतर्गत चतुर्थ आवरण के विनायक हैं। चिंतामणि विनायक मणिकर्णिका, सेना एवं सीमा विनायक के समीप हैं। जो यात्रा के क्रम में है। नाम एक होते हुए भी यह दो अलग विनायक स्वरूप हैं। इनका क्षेत्र और दर्शन फल भी फल भी भिन्न है।

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चिंतामणि विनायक वसिष्ठेश्वर और वामदेवेश्वर के द्वार के बाहर स्थित है
Chintamani Vinayak is located outside the gate of Vasisteshwar and Vamdeveshwar.


For the benefit of Kashi residents and devotees:-

From : Mr. Sudhanshu Kumar Pandey - Kamakhya, Kashi


काशीवासी एवं भक्तगण हितार्थ:-                                                   

प्रेषक : श्री सुधांशु कुमार पांडेय - कामाख्याकाशी


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