Arka Vinayak
अर्क (सूर्य) विनायक
56 विनायक क्रम में, प्रथम आवरण, प्रथम विनायक श्री अर्कविनायक या सूर्य विनायक हैं। पूर्वकाल में यह मूर्ति लोलार्क के दक्षिण भाग में थी। वाराणसी में मनुष्य आबादी बढ़ी तो काशी में बसने के स्वार्थ ने प्राचीन विग्रहों का स्थान भी मकान बनवाने हेतु बदलवा दिया, फलस्वरूप वर्तमान अर्कविनायक मूर्ति लोलार्क के दक्षिण भाग की जगह पूर्व भाग में दिखाई देती है। दो विनायक मूर्ति यहां विद्यमान है। बड़ी वाली मूर्ति अर्क (सूर्य) विनायक की है। छोटी वाली चंद्र विनायक के नाम से निकटवर्ती लोगों द्वारा संबोधित की जाती है।
स्कन्दपुराण : काशीखण्ड
।। लोलार्काद्दक्षिणाशायां सर्वाशापूरकोर्चितः ।।
लोलार्क के दक्षिण दिशा में (देवता अर्कविनायक) आराधना करने पर सभी आशाएं और महत्वाकांक्षाएं पूरी करते हैं।
काश्यां गंगासि संभेदे नामतोर्कविनायकः । दृष्टोर्कवासरे पुंभिः सर्वतापप्रशांतये ।।
काशी में गंगा और असि के संगम पर अर्क (सूर्य) नामक विनायक है। यदि (अर्कवार) रविवार के दिन लोग उनके दर्शन करें तो वे सभी कष्टों को दूर कर देंगे।
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अर्क विनायक लोलार्क कुंड (पीछे वाला रास्ता) मकान नंबर बी.2/17 के पास स्थित है।
Arka Vinayak located at Lolarka Kund, Near House No. B.2/17.
For the benefit of Kashi residents and devotees:-
From : Mr. Sudhanshu Kumar Pandey - Kamakhya, Kashi
काशीवासी एवं भक्तगण हितार्थ:-
प्रेषक : श्री सुधांशु कुमार पांडेय - कामाख्या, काशी