Chandishwar (चंडीश्वर महालिंग)

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Chandishwar

चंडीश्वर महालिंग

स्कन्दपुराण : काशीखण्ड

क्षेत्रेत्र सिद्धिदे प्राप्तश्चंडीशो मरुजांगलात् । प्रचंडपापसंघातं खंडयेच्छतधेक्षणात् ।।

पाशपाणिगणाध्यक्ष समीपे यः प्रपश्यति । चंडीश्वरं महालिंगं स याति परमां गतिम् ।।

मरुजंगल (मारवाड़, राजस्थान) से चंडीश यहां सिद्धि-प्रदाता पवित्र स्थान (काशी) में आये हैं। वह अपनी दृष्टि मात्र से भयंकर पापों के समूह को सौ भागों में विभाजित कर देते हैं। जो पाशपाणि (गणाध्यक्ष) के समीप चण्डीश्वर महालिंग का दर्शन करता है। महानतम लक्ष्य को प्राप्त करता है।

स्कन्दपुराणम्/खण्डः ७ (प्रभासखण्डः)/प्रभासक्षेत्र माहात्म्यम्/अध्यायः ३४०

॥ ईश्वर उवाच ॥

ततो गच्छेन्महादेवि तत्र स्थाने तु संस्थितम्॥ चण्डीश्वरं महालिंगं सर्वपातकनाशनम् ॥ १ ॥

तत्र शुक्लचतुर्द्दश्यां कार्तिके मासि भामिनि ॥

उपवासपरो भूत्वा यः करोति प्रजागरम् ॥ स याति परमं स्थानं यत्र देवो महेश्वरः ॥ २ ॥

इति श्रीस्कान्दे महापुराण एकाशीतिसाहस्र्यां संहितायां सप्तमे प्रभासखंडे प्रथमे प्रभासक्षेत्रमाहात्म्ये देविकामाहात्म्ये चण्डीश्वरमाहात्म्यवर्णनं नाम चत्वारिंशदुत्तरत्रिशततमोऽध्यायः ॥ ३४० ॥


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चंडीश्वर महालिंग, सदर बाजार में चंडी देवी मंदिर परिक्षेत्र (जेएचवी मॉल से आगे, शक्ति मार्ग) में स्थित है।
Chandishwar Mahalinga is situated in the Chandi Devi temple complex in Sadar Bazar.

For the benefit of Kashi residents and devotees:-

From : Mr. Sudhanshu Kumar Pandey - Kamakhya, Kashi


काशीवासी एवं भक्तगण हितार्थ:-                                                   

प्रेषक : श्री सुधांशु कुमार पांडेय - कामाख्याकाशी


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