Kushmand Vinayak
कुष्मांड विनायक
56 विनायक क्रम में द्वितीय आवरण के चतुर्थ विनायक, श्री कुष्मांड विनायक है। इनके ठीक सामने भगवान ऊर्ध्वरेतस् स्वयं यहां त्रिदण्ड तीर्थ से प्रकट हुए हैं। मंदिर परिसर में भगवान नारायण की अति प्राचीन मूर्ति भी है।
स्कन्दपुराण : काशीखण्ड
प्राच्या देहलिविघ्नेशात्कूश्मांडाख्यो विनायकः । पूजनीयः सदा भक्तेर्महोत्पात प्रशांतये ।।
कुष्मांड नामक विनायक देहलीविघ्नेश के पूर्व में स्थित है। बड़े-बड़े संकटों और विपदाओं के शमन के लिए भक्तों द्वारा सदैव उनकी पूजा की जाती है।
ऊर्ध्वरेतास्त्रिदंडायाः संप्राप्तोत्र स्वयं विभुः । कूश्मांडकं गणाध्यक्षं पुरस्कृत्य व्यवस्थितः ।।
त्रिदंड नगरी से स्वयं भगवान श्री ऊर्ध्वरेतस् यहाँ आये हैं। उन्होंने गणों के अधिपति कूष्माण्डक को अपने सामने रखकर स्वयं को स्थापित किया है।
अति प्राचीन नारायण मूर्ति
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कुष्मांड विनायक - फुलवरिया गांव, (कैंटोनमेंट के पश्चिम) में स्थित है।
Kushmand Vinayak is located at Phulwariya village, (west of the cantonment).
For the benefit of Kashi residents and devotees:-
From : Mr. Sudhanshu Kumar Pandey - Kamakhya, Kashi
काशीवासी एवं भक्तगण हितार्थ:-
प्रेषक : श्री सुधांशु कुमार पांडेय - कामाख्या, काशी