16 (Sodash) Forms Of Lord Vishnu (विष्णोषोडशनामस्तोत्रं)

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श्री बिंदु माधव, पंचगंगा घाट - काशी

शुक्लाम्बरधरं विष्णुं शशिवर्णं चतुर्भुजम् । 

प्रसन्नवदनं ध्यायेत् सर्वविघ्नोपशान्तये ॥


Shri Bindu Madhav , Kashi

औषधे चिन्तयेद्विष्णुं भोजने च जनार्दनम्  | शयने पद्मनाभं च विवाहे च प्रजापतिम् ॥

युद्धे चक्रधरं देवं प्रवासे च त्रिविक्रमम् | नारायणं तनुत्यागे श्रीधरं प्रियसंगमे ॥

दुः स्वप्ने स्मर गोविन्दं संकटे मधुसूदनम्  | कानने नारसिंहं च पावके जलशायिनम् ॥

जलमध्ये वाराहं च पर्वते रघुनन्दनम्  | गमने वामनं चैव सर्वकार्येषु माधवम् ॥

षोडशैतानि नामानि प्रातरूत्थाय यः पठेत् | सर्वपापविनिर्मुक्तो विष्णुलोके महीयते ॥

The Vishnu Shodasa Naama Stotraa is perhaps one of the highly revered slokas by the Sri Vaishnavas. Vishnu Shodasha Nama Stotram describes the 16 names of Lord Vishnu one needs to chant while doing different day to day activities. (Shodasha Namam literally means the Sixteen Names.) That is we can chant the sweet name of the lord even when we are doing our materialistic / regular works.

Sri Vishnu Shodasa Nama Stotram  Evoke, recall, retain and remember the Sixteen names of the Lord when placed in any situation.

Meditate upon the Lord  with His several names like Vishnu, Janardhana,  Padmanabha, Prajapati, Chakradhara, Trivikrama, Narayana, Sridhara, Govinda, Madhusoodhana, Narasimha, Jalasayana, Varaha, Raghunandana, Vamana, Madhava

Every morning (or anytime /when time permits) Please recite this stotram so that all our sins get annihilated and we feel the presence of Lord Vishnu around us, with us and within us !

This is the essence of the Sri Vishnu Shodasa Nama Stotram!

Prahalada is one of the greatest bhagavathas who always thought only about the supreme lord at all times. He undergone through all tough situations like in midst of fire, under the water, with the poisonous snakes etc but never left thinking of lord even a moment.

According to the Phala Stuti, a devotee who reads these 16 names every morning will get rid of all sins and attain Vishnuloka or Moksha.


ENGLISH

औषधे चिंतये विष्णुम्(1), भोजने च जनार्धनम्(2),
Oushade Chinthaye Vishnum (1),  Bhojane Cha Janardhanam (2),

(Think Him as Vishnu while taking medicine, As Janardhana while eating food)

शयने पद्मनाभं च(3), विवाहे च प्रजापतिम्(4),
Shayane Padmanabham Cha (3), Vivahe Cha Prajapathim (4),  

(As Padmanabha while in bed, As Prajapathi at time of marriage)     

युद्धे चक्रधरम् देवं(5), प्रवासे च त्रिविक्रमं(6),
Yuddhe Chakradharam Devam (5), Pravase Cha Tri vikramam (6),

(As Chakra Dhara while engaged in war, As Trivikrama while on travel)  

 नारायणं तनु त्यागे(7), श्रीधरं प्रिय संगमे(8),
Narayanam Thanu Thyage (7), Sreedharam Priya Sangame (8),

(As Narayana while in death bed, As Sreedhara while meeting with the beloved)   

दुःस्वप्ने स्मर गोविन्दम्(9), संकटे मधुसूधनम्(10),
Duswapne Smara Govindam (9), Sankate Madhu Sudhanam (10),

(As Govinda while tossing with bad dreams, As Madhu Sudhana while in trouble) 

कानने नारसिम्हम् च(11), पावके जलशायिनम्(12),
Kaanane Naarasimham Cha (11), Paavake Jalashayinam (12),

(As Narasimha while in the forest, As Jala Sayina while fire is ravaging)         

जलमध्ये वराहम् च(13), पर्वते रघु नन्दनं(14),
Jalamadhye Varaham Cha (13), Parvathe Raghu Nandanam (14),

(As Varaha while struggling in water, As Raghu Nandana while lost in a mountain) 

गमने वामनं चैव(15), सर्वकार्येषु माधवं(16).
Gamane Vamanam Chaiva (15), Sarva Karyeshu Madhavam (16).

(As Vamana while on the move, And as Madhava while doing everything.)

षोडशैतानी नमानी प्रातरुत्थाय यः पठेत्
सर्वपापविर्निमुक्तो विष्णुलोके महीयते।
Shodasaithanin Namami, Prathar uthaaya ya padeth,

Sarva papa vinirmuktho, Vishnu Lokai mahiyate.  
(As soon as one wakes up in the morning if these sixteen names are read, He would be bereft of all sins, and reach the world of Vishnu at the end.) 

Meaning of each of these Sixteen names:-

  1.  Vishnu: He who is spread everywhere                 
  2.  Janardhana: He who punishes evil people         
  3.  Padmanabha: He who has a lotus in his belly button                 
  4.  Prajapathi: He who is the Chief of people           
  5.  Chakradhara: He who is armed with the holy Wheel           
  6.  Trivikrama: He who measured all the world in three steps              
  7.  Narayana: He who resides in all things He creates               
  8.  Sreedhara: He who carries Goddess of wealth in his chest           
  9.  Govinda: He who can be attained by Vedas           
  10.  Madhu Sudhana: He who killed the rakshas called Madhu             
  11.  Naarasimha: He who took the shape of half-lion, half-human           
  12.  Jalasayina: He who sleeps on water           
  13.  Varaha: He who took the shape of holy boar             
  14.  Raghu Nandana: The darling of the clan of Raghu           
  15.  Vamana: He who took the shape of a dwarf             
  16.  Madhava: He Who is Lord of everything.

Hindi

औषधे चिन्तयेद्विष्णुं भोजने च जनार्दनम् ।

औषधि लेते समय श्रीविष्णु (जो सृष्टि का भरण, पोषण और पालन करने वाले हैं) का स्मरण करें, भोजन करते समय जनार्दन (लोगों के कष्ट हरने वाले श्रीकृष्ण) का स्मरण करें ।

शयने पद्मनाभं च विवाहे च प्रजापतिम् ॥ १ ॥

सोते समय पद्मनाभ (जिनकी नाभि में कमल है) का स्मरण करें, विवाह के समय प्रजापति (सृष्टि को उत्पन्न करने वाले) का स्मरण करें ।

युद्धे चक्रधरं देवं प्रवासे च त्रिविक्रमम् ।

युद्ध के समय चक्रधर देवता (चक्रधारी श्रीविष्णु/श्रीकृष्ण) का स्मरण करें, प्रवास (यात्रा) में त्रिविक्रम (तीन कदमों से सारे विश्र्व को अतिक्रमण करने वाले) का स्मरण करें ।

नारायणं तनुत्यागे श्रीधरं प्रियसङ्गमे ॥ २ ॥

मृत्यु के समय नारायण (जल जिसका प्रथम अयन या अधिष्ठान है) का स्मरण करें, पतिपत्नी के समागम पर श्रीधर (देवी लक्ष्मी के पति) का स्मरण करें ।

दुस्स्वप्ने स्मर गोविन्दं सङ्कटे मधुसूदनम् ।

बुरे स्वप्न आते हों तो गोविंद (गोशाला या गौओं के अध्यक्ष - श्रीकृष्ण) का स्मरण करें, संकट में मधुसूदन (मधु नामक दैत्य को मारने वाले, श्रीकृष्ण) का स्मरण करें ।

कानने नारसिंहं च पावके जलशायिनम् ॥ ३ ॥

जंगल में संकट के समय नृसिंह (श्रीविष्णु का अवतार, जिनका आधा शरीर मनुष्य का और आधा सिंह का था) का स्मरण करें, अग्नि संकट के समय जलाशयी (जो समुद्र में वास करते हैं) का स्मरण करें ।

जलमध्ये वराहं च पर्वते रघुनन्दनम् ।

पानी में डूबने का भय हो तो वराह (श्रीविष्णु के सूअर का अवतार) का स्मरण करें, पर्वत पर संकट के समय रघुनंदन (श्रीविष्णु का श्रीराम अवतार) का स्मरण करें ।

गमने वामनं चैव सर्वकार्येषु माधवम् ॥ ४ ॥

गमन करते समय वामन (श्रीविष्णु का बौना अवतार) का स्मरण करें, कोई भी कार्य करते समय माधव (शहद के समान मीठा) का स्मरण करें ।

षोडशैतानि नामानि प्रातरूत्थाय यः पठेत् ।

जो हर सुबह भोर (सूर्योदय से पहले का समय) के समय भगवान विष्णु के इन सोलह पवित्र नामों का पाठ करता है,

सर्वपापविनिर्मुक्तो विष्णुलोके महीयते ॥ ५ ॥

वह अपने सभी पापों से मुक्त हो जाएगा, और जब वह शरीर का त्याग करेगा, वह वैकुंठ लोक (सर्वोच्च लोक) प्राप्त करेगा ।

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