Varanasi Devi (वाराणसी देवी)

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Varanasi Devi

वाराणसी देवी

काशीखण्डः अध्यायः ९७

वाराणस्यां महादेवः प्रथमं तीर्थमुच्यते। तदुत्तरे महाकूपः सारस्वतपदप्रदः ।। ७ ।।
क्षेत्रपूर्वोत्तरेभागे तद्दृष्टं पशुपाशहृत्। तत्पश्चाद्विग्रहवती पूज्या वाराणसी नरैः ।। ८ ।।
सा पूजिता प्रयत्नेन सुखवस्तिप्रदा सदा। महादेवस्य पूर्वेण गोप्रेक्षं लिंगमुत्तमम् ।। ९ ।।

वाराणसी में महादेव का उल्लेख प्रथम तीर्थ के रूप में मिलता है। इसके उत्तर में महान कुआं सारस्वतपद (देवी सरस्वती के भक्त की स्थिति) को प्रदान करता है। पवित्र स्थान के उत्तर-पूर्व में देखा, यह एक पशु (व्यक्तिगत आत्मा) के बंधन को दूर करता है। इसके पीछे, वाराणसी देवी के अवतार रूप में पुरुषों द्वारा पूजा की जानी चाहिए। परिश्रम से पूजित यह सदैव सुखमय निवास (आवास) प्रदान करती है। महादेव के पूर्व में गोप्रेक्ष नामक उत्कृष्ट लिंग है।

काशीखण्डः अध्यायः ३३

वाराणस्यां महादेवो यः पुराणेषु पठ्यते। क्षेत्राभिमानी भगवांस्तत्प्रासादोयमद्भुतः ।। १२४ ।।
असौ स्कंदेश्वरो देवः श्रद्धया यद्विलोकनात्। आजन्मब्रह्मचर्यस्य फलमाप्नोति मानवः ।। १२५ ।।
विनायकेश्वरश्चायं सर्वसिद्धि प्रदायकः। यत्सेवया प्रणश्यंति नृणां सर्वे विनायकाः ।।१२६।।
इयं वाराणसी देवी साक्षान्मूर्त्तिमयी शुभा। यस्या विलोकनात्पुंसां भूयो नो गर्भसंभवः।।१२७।।
पार्वतीश्वरलिंगस्य महदायतनं त्विदम्। यत्र नित्यं महेशानो गौर्या सह विमुक्तिदः ।।१२८।।

यह भगवान का वह अद्भुत भवन है जो अपने पवित्र स्थान पर गर्व करता है और वाराणसी में जिसे पुराणों में महादेव के रूप में उद्धृत किया गया है। यह भगवान स्कंदेश्वर हैं। यदि कोई व्यक्ति श्रद्धापूर्वक इन प्रभु के दर्शन करता है, तो उसे आजीवन ब्रह्मचर्य का लाभ प्राप्त होता है। यह विनायकेश्वर हैं जो सभी अलौकिक शक्तियाँ प्रदान करते हैं। उसकी सेवा करने से मनुष्य के समस्त विघ्नों का नाश हो जाता है। यह स्वयं वाराणसी देवी हैं, जो साक्षात रूप में भव्य देवता हैं। उसके दर्शन करने से मनुष्य कभी गर्भ में जन्म नहीं लेता। यह पार्वतीश्वर लिंग का महान मंदिर है जहां गौरी के साथ महेश सदा के लिए मोक्षदाता के रूप में उपस्थित हैं।


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वाराणसी देवी, त्रिलोचनेश्वर मंदिर प्रांगण में A-2/80, त्रिलोचन घाट पर स्थित है।
Varanasi Devi is situated at A-2/80, Trilochan Ghat, in the Trilochaneshwar temple premises.

For the benefit of Kashi residents and devotees:-

From : Mr. Sudhanshu Kumar Pandey 

Kamakhya, Kashi 8840422767 

Email : sudhanshu.pandey159@gmail.com


काशीवासी एवं भक्तगण हितार्थ:-                                                   

प्रेषक : श्री सुधांशु कुमार पांडेय

कामाख्याकाशी 8840422767

ईमेल : sudhanshu.pandey159@gmail.com


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