Pilpila Tirth ( पिलपिला तीर्थ )
పిలపిల తీర్థం, பிலபில தீர்த்தம், ಪಿಲಪಿಲ ತೀರ್ಥ
22 अप्रैल 2023 शनिवार
17, वैशाख शुक्ल पक्ष, तृतीया 2080 नल, विक्रम सम्वत वाराणसी, भारत
परशुराम जयन्ती, अक्षय तृतीया, मासिक कार्तिगाई, वर्षी तप पारण, त्रेता युग,
त्रिपुष्कर योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, रवि योग, विडाल योग
तृतीया तिथि प्रारम्भ - अप्रैल 22, 2023 को 07:49 ए एम बजे
तृतीया तिथि समाप्त - अप्रैल 23, 2023 को 07:47 ए एम बजे
पौराणिक महत्व : इस कूप में नर्मदा, यमुना, सरस्वती नदियां आकर मिलती हैं। आदिकाल में ये तीनों नदियां भगवान त्रिलोचन महादेव का अभिषेक करती थीं। अक्षय तृतीया के दिन पिलपिला तीर्थ में स्नान करना एवं त्रिलोचनेश्वर और मधुसूदन (वामन केशव) के दर्शन करना (बहुत शुभ) काशी खंड में वर्णित है। तीर्थ के आसपास के लोगों का ऐसा मानना है कि अक्षय तृतीया के दिन नर्मदा, यमुना, सरस्वती के साथ कई और पवित्र नदियां आकर मिल जाती है और उस दिन यह तीर्थ सात पवित्र नदियों का संगम बन जाता है।
Pauranik importance: Narmada, Yamuna, Saraswati rivers come and meet in this well. In ancient times, these three rivers used to anoint Lord Trilochan Mahadev. Bathing in Pilpila Tirtha on the day of Akshaya Tritiya and seeing Trilochneshwar and Madhusudan (Vaman Keshav) (very auspicious) is mentioned in Kashi Khand. The people around the shrine believe that on the day of Akshaya Tritiya, Narmada, Yamuna, Saraswati and many other holy rivers come together and on that day this shrine becomes a confluence of seven holy rivers.
स्नात्वा पिलिपिला तीर्थे त्रिविष्टपसमीपतः। दृष्ट्वा त्रिलोचनं लिंगं किं भूयः परिशोचति ।। १२ ।।
एक भक्त जो त्रिविष्टप के पास पीलीपिला तीर्थ में अपना पवित्र स्नान करता है और त्रिलोचन लिंग के दर्शन करता है, उसे और अधिक शोक करने की आवश्यकता नहीं है।
A devotee who takes his holy bath at Pilipila Tirtha near Trivishtap and sees the Trilochana Linga need not grieve any more.
यो वै पिलिपिला तीर्थे स्नात्वोत्तरवहांभसि। सरित्त्रयं महापुण्यं यत्र साक्षाद्वसेत्सदा ।। १९ ।।
तत्र श्राद्धादिकं कृत्वा गयायां किं करिष्यति। स्नात्वा पिलिपिला तीर्थे कृत्वा वै पिंडपातनम् ।। २० ।।
यदि कोई ( पिलपिला तीर्थ में ) श्राद्ध आदि करता है तो उसे गया में क्या करने की आवशयक्ता है? जो भक्त पिलपिला तीर्थ में अपना पवित्र स्नान करता है, पिंड दान करता है और त्रिविष्टप लिंग ( त्रिलोचन ) के दर्शन करता है, उसे करोड़ों तीर्थों का लाभ प्राप्त होगा।
If someone (in Pilpila pilgrimage) performs Shradh etc. then what does he need to do in Gaya? The devotee who takes his holy bath in Pilpila Tirtha, donates Pind and has darshan of Trivishtap Linga (Trilochan), will get the benefits of crores of Tirthas.
तत्राद्यापि महातीर्थं त्रिस्रोतस्यतिनिर्मले। पुण्ये पिलिपिलानाम्नि त्रिसरित्परिसेविते ।। ४७ ।।
जो भक्त पीलीपिला तीर्थ में पवित्र स्नान करता है, पिंड दान करता है और त्रिविष्टप लिंग के दर्शन करता है, उसे करोड़ों तीर्थों का लाभ प्राप्त होगा।
The devotee who takes a holy bath in Pilipila Tirtha, donates Pind and sees Trivishtap Linga, will get the benefits of crores of Tirthas.
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From : Mr. Sudhanshu Kumar Pandey
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