Prayag Ling
प्रयाग लिंग
काशीखण्डः अध्यायः ९७
संगमेश्वरमालोक्य तत्प्राच्याम जायतेनघः ।। चतुर्मुखेन विधिना तत्पूर्वेण चतुर्मुखम् ।। १६ ।।
प्रयागसंज्ञकम लिंगमर्चितम ब्रह्मलोकदम् ।। तत्र शांतिकरी गौरी पूजिता शांतिकृद्भवेत् ।। १७ ।।
इसके पूर्व में संगमेश्वर के दर्शन करने से व्यक्ति निष्पाप हो जाता है। ब्रह्मा द्वारा स्थापित प्रयाग नामक चार मुख वाला लिंग, चतुर्मुख भगवान, पूजा करने पर ब्रह्मा की दुनिया को प्रदान करते हैं। यदि वहां शांति की जन्मदाता गौरी की पूजा की जाए तो वह शांति लाती है।
प्रयाग लिंग और प्रयागेश्वर : भगवान ब्रह्मा (विधाता) द्वारा स्थापित यह प्रयाग लिंग आदि केशव मंदिर के प्रांगण में वरुणा संगमेश्वर महादेव के पूर्व उत्तर दिशा में है। अब यहां यह बात ध्यान देने वाली है कि यह प्रयाग लिंग है। दशाश्वमेध प्रयाग घाट पर बंदी देवी मंदिर में भगवान प्रयागेश्वर हैं। यह दोनों ही अलग-अलग शिवलिंग है।
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प्रयाग लिंग A-37/51, आदि केशव मंदिर, राज घाट पर स्थित है।
Prayag Ling is located at A-37/51, Aadi Keshav Temple, Raj Ghat .
For the benefit of Kashi residents and devotees:-
From : Mr. Sudhanshu Kumar Pandey
Kamakhya, Kashi 8840422767
Email : sudhanshu.pandey159@gmail.com
काशीवासी एवं भक्तगण हितार्थ:-
प्रेषक : श्री सुधांशु कुमार पांडेय
कामाख्या, काशी 8840422767
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