Swapneshwari
(स्वप्नेश्वरी)
स्वप्न में प्रश्न का उत्तर प्राप्त करने के उद्देश्य से शास्त्रों में स्वप्नेश्वरी देवी साधना का विधान वर्णित है। कई बार आकस्मिक व ठोस निर्णय लेने पड़ते हैं। एक असमंजस की स्थिति होती है। एक मन कहता है कि हमें यह कार्य कर लेना चाहिये तो एक मन कहता है नहीं। किसी कार्य को करें या नहीं करें कुछ समझ में नहीं आता। ऐसे समय में स्वप्न हमारे लिये समाधान का माध्यम बन सकते हैं। स्वप्न में प्रश्न का उत्तर प्राप्त करने के उद्देश्य से शास्त्रों में स्वप्नेश्वरी देवी साधना का विधान वर्णित है।
यह ध्यान देने वाली बात है की स्वप्नेश्वरी माता का मूल विग्रह क्षरण के कारण पूर्णतः सपाट शिला हो गया था जिसे वर्तमान पुजारी परिवार ने गंगा जी में विसर्जित कर दिया है। माता के स्थान पर नया विग्रह स्थापित है। जो आप इस चित्र में देख रहे हैं।
स्वप्नेश्वरी के दर्शन का विधान अन्यत्र कहीं जो गुरु की शरण में रहकर साधना से प्राप्त होता है। वही ज्ञान और सिद्धि काशी में मात्र असि संगम पर स्नान कर, उपवास रहकर, स्वप्नेश्वर महादेव तथा स्वप्नेश्वरी देवी का पूजन कर, पूरे दिन जमीन पर सो कर रात में माता स्वप्नेश्वरी का ध्यान करते हुए सो कर ही प्राप्त किया जा सकता है।
स्कन्दपुराण : काशीखण्ड
महारुंडा प्रतीच्यां च देवी स्वप्नेश्वरी शुभा । भविष्यं कथयेत्स्वप्ने भक्तस्याग्रे शुभाशुभम् ।। ७०.९२ ।।
तत्र स्वप्नेश्वरं लिंगं देवीं स्वप्नेश्वरीं तथा । स्नात्वासिसंगमे पुण्ये यस्मिन्कस्मिंस्तिथावपि ।। ७०.९३ ।।
उपोषणपरो धीमान्नारीवा पुरुषोपि वा । संपूज्य स्थंडिलशयः स्वप्ने भावि विलोकयेत् ।। ७०.९४ ।।
अद्यापि प्रत्ययस्तत्र कार्य एष विजानता । भूतं भावि भवत्सर्वं वदेत्स्वप्नेश्वरी निशि।। ७०.९५ ।।
अष्टम्यां च चतुर्दश्यां नवम्यां निशि वा दिवा। प्रयत्नतः समर्च्या सा काश्यां ज्ञानार्थिभिर्नरैः ।। ७०.९६ ।।
स्वप्नेश्वर्याश्च वारुण्यां दुर्गादेवी व्यवस्थिता । क्षेत्रस्य दक्षिणं भागं सा सदैवाभिरक्षति ।। ७०.९७ ।।
महारुण्डा के पश्चिम में शुभ देवी स्वप्नेश्वरी है। वह सपने के दौरान सीधे भक्त को भविष्य, चाहे अच्छा हो या बुरा, की भविष्यवाणी करती है। एक भक्त को किसी भी चंद्र दिवस (शुक्ल पक्ष) पर असि के पवित्र संगम में अपना पवित्र स्नान करना चाहिए। पुरुष हो या स्त्री, उस बुद्धिमान व्यक्ति को उपवास करना चाहिए और स्वप्नेश्वर लिंग और देवी स्वप्नेश्वरी की पूजा करनी चाहिए। उसे खाली जमीन पर लेटना चाहिए। वह सपने में भविष्य देखने में सक्षम होगा। आज भी वहाँ इसका परीक्षण किया जा सकता है। जानने वाले ही इस पर विश्वास कर सकते हैं। स्वप्नेश्वरी आपको भूत, वर्तमान और भविष्य बताएगी। उन्हें काशी में आठवें, नौवें या चौदहवें चंद्र दिवस पर दिन या रात के दौरान ज्ञान की खोज करने वाले पुरुषों द्वारा पूजा जाना चाहिए। स्वप्नेश्वरी के पश्चिम में दुर्गा देवी विराजमान हैं। वह सदैव पवित्र स्थान के दक्षिणी भाग की रक्षा करती हैं।
काशी के अन्यत्र : स्वप्नेश्वरी देवी साधना सात्विक साधना है, परंतु बिना गुरु यह सफल नहीं होती। इसका उल्लेख लोमश संहिता से प्राप्त होता है। आप इसके लिए गुरु की शरण में जाए, अगर उन्हें स्वप्नेश्वरी देवी सिद्ध है तभी आपको इनकी सिद्धि की अनुमति मिल सकती है। जो इसके अधिकारी नहीं, न वह आपको मन्त्र दे सकते है, न साधना के लिए दीक्षित कर सकते है।
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स्वप्नेश्वरी देवी ज्ञान हनुमान मंदिर शिवाला B.3/16 में स्थित है।
Swapneshwari Devi is located at Gyan Hanuman Mandir Shivala B.3/16.
For the benefit of Kashi residents and devotees:-
From : Mr. Sudhanshu Kumar Pandey
Kamakhya, Kashi 8840422767
Email : sudhanshu.pandey159@gmail.com
काशीवासी एवं भक्तगण हितार्थ:-
प्रेषक : श्री सुधांशु कुमार पांडेय
कामाख्या, काशी 8840422767
ईमेल : sudhanshu.pandey159@gmail.com