Mrityawishwar (Mrityunjay Mahadev) - मृत्य्वीश्वर, मृत्युंजय महादेव

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Mrityawishwar (Mrityunjay Mahadev)
मृत्य्वीश्वर, मृत्युंजय महादेव

भगवान मृत्युंजय, शिखर दर्शन
भगवान मृत्युंजय, शिखर दर्शन

॥ ॐ मृत्युंजय महादेव त्राहिमां शरणागतम जन्म मृत्यु जरा व्याधि पीड़ितं कर्म बंधनः ॥

स्कन्दपुराण : काशीखण्ड

कालेशाद्दक्षिणे भागे मृत्य्वीशस्त्वपमृत्युहृत् । लिंगं दक्षेश्वराह्वं च ततः कूपादुदग्दिशि ।। ९७.१२९ ।।
अपराधसहस्रं तु नश्येत्तस्य समर्चनात् ।। ९७.१३० ।।
कालेश्वर से दक्षिण मृत्य्वीश्वर (मृत्यु के देवता द्वारा स्थापित लिंग) हैं जो (भगवान के भक्तों को) अकाल मृत्यु से बचाते हैं। उस कूप से उत्तर दक्षेश्वर नामक लिंग हैं। इनकी समर्चना करने से हजारों अपराध (पाप) भी नष्ट हो जाते हैं। 

जानने योग्य : इनके भक्त द्वारा या मंदिर परिसर में रहते हुए भी यदि पाप किया जाये तो अकाल मृत्यु से बचने का आवरण भगवान मृत्य्वीश्वर हटा देते हैं। यदि भगवान मृत्य्वीश्वर (मृत्युंजय) के दर्शन का महत्व हम जान रहे हैं तो हमें अपने जीवन में पापों से बचना चाहिए जो यह जानते हुए भी निरंतर पाप करके भगवन के दर्शन का सहारा लेता है, भगवान मृत्युंजय उनकी रक्षा नहीं करते हैं

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌ ॥ उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ॥
महामृत्युंजय मंत्र ३२ शब्दों के प्रयोग से बना है तथा इस मंत्र के पहले ॐ लगा देने से कुल ३३ शब्द हो जाते हैं। इसीलिए महामृत्युंजय मंत्र को 'त्रयस्त्रिशाक्षरी' मन्त्र भी कहा जाता हैं।

महामृत्युञ्जय मन्त्र या महामृत्युंजय मन्त्र ("मृत्यु को जीतने वाला महान मंत्र") जिसे त्रयम्बकम मन्त्र भी कहा जाता है, यजुर्वेद के रूद्र अध्याय में, भगवान शिव की स्तुति हेतु की गयी एक वन्दना है। इस मन्त्र में शिव को 'मृत्यु को जीतने वाला' बताया गया है। यह गायत्री मन्त्र के समकक्ष सनातन धर्म का सबसे व्यापक रूप से जाना जाने वाला मन्त्र है। इस मन्त्र के कई नाम और रूप हैं। इसे शिव के उग्र पहलू की ओर संकेत करते हुए रुद्र मन्त्र कहा जाता है; शिव के तीन आँखों की ओर इशारा करते हुए त्रयंबकम मन्त्र और इसे कभी कभी मृत-संजीवनी मन्त्र के रूप में जाना जाता है क्योंकि यह कठोर तपस्या पूरी करने के बाद पुरातन ऋषि शुक्र को प्रदान की गई संजीवनी विद्या का एक घटक है। ऋषि-मुनियों ने महा मृत्युंजय मन्त्र को वेद का ह्रदय कहा है। चिन्तन और ध्यान के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले अनेक मन्त्रों में गायत्री मन्त्र के साथ इस मन्त्र का सर्वोच्च स्थान है

GPS LOCATION OF THIS TEMPLE CLICK HERE


महामृत्युंजय महादेव मंदिर, दारा नगर रोड, वाराणसी में स्थित है।
Mahamrityunjaya Mahadev Temple is located at Dara Nagar Road, Varanasi.


For the benefit of Kashi residents and devotees:-

From : Mr. Sudhanshu Kumar Pandey - Kamakhya, Kashi


काशीवासी एवं भक्तगण हितार्थ:-                                                   

प्रेषक : श्री सुधांशु कुमार पांडेय - कामाख्याकाशी

 


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