Dwitund Vinayak (द्वितुंड या द्विमुख विनायक)

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Dwitund Vinayak
द्वितुंड या द्विमुख विनायक

काशीखण्डः अध्यायः ५७

क्षिप्रप्रसादनादैंद्र्यां द्वितुंडो गणनायकः ।। अग्रतः पृष्ठतश्चापि बिभर्ति सदृशीं श्रियम् ।। १०१ ।।
तस्य संदर्शनात्पुसां भवेच्छ्रीः सर्वतोमुखी ।। ज्येष्ठो नाम गणाध्यक्षो ज्येष्ठो मे पुत्रसंपदि ।। १०२ ।।
क्षिप्रप्रसादन के पूर्व में द्वितुण्ड (द्विमुख) नामक गणनायक स्थित हैं। वह आगे और पीछे दोनों जगह समान रूप से राजसी दिखते है। उनके दर्शन करने से मनुष्य चारों ओर की महिमा और वैभव को प्राप्त होता है। ज्येष्ठ नामक गणाध्यक्ष मेरे अनेक पुत्रों में सबसे बड़े हैं।

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द्विमुख विनायक डी-51/90, सांब आदित्य, सूरज कुंड के पूर्व में स्थित है।
Dwimukh Vinayak is located at D-51/90, Samb Aditya, East of Suraj Kund.

For the benefit of Kashi residents and devotees:-

From : Mr. Sudhanshu Kumar Pandey 

Kamakhya, Kashi 8840422767 

Email : sudhanshu.pandey159@gmail.com


काशीवासी एवं भक्तगण हितार्थ:-                                                   

प्रेषक : श्री सुधांशु कुमार पांडेय

कामाख्याकाशी 8840422767

ईमेल : sudhanshu.pandey159@gmail.com


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