Langlishwar
लांगलीश्वर
काशीखण्डः अध्यायः ५५
लांगलीश्वरमालोक्य लिंगं लांगलिनार्चितम् ।। विश्वेशादुत्तरेभागे न नरो रोगभाग्भवेत् ।। २० ।।
लांगलीशं सकृत्पूज्य पंचलांगलदानजम् ।। फलं प्राप्नोत्यविकलं सर्वसंपत्करं परम् ।। २१ ।।
विश्वेश के उत्तरी भाग में लांगलिन द्वारा पूजित लांगलीश्वर के दर्शन करने से मनुष्य कभी (भयानक) रोग से ग्रसित नहीं होता। एक बार भी लांगलीश की पूजा करने से पांच हल के दान का पूरा लाभ मिलता है। यह सभी (प्रकार के) धन को संपन्न करता है।
Man never suffers from (terrible) disease by having darshan of Langlishwar worshiped by Langlin in the northern part of Vishwesh. Worshiping Langleesh even once gives full benefits of donating five ploughs. It bestows all (kinds) of wealth.
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लांग्लिश्वर सी.के 28/4 खोवा गली चौराहा में स्थित है। यादव जी के मकान में चाबी रहती है।
Langlishwar is located at CK 28/4 Khowa Gali Chauraha. The key remains in Yadav ji's house.
For the benefit of Kashi residents and devotees:-
From : Mr. Sudhanshu Kumar Pandey
Kamakhya, Kashi 8840422767
Email : sudhanshu.pandey159@gmail.com
काशीवासी एवं भक्तगण हितार्थ:-
प्रेषक : श्री सुधांशु कुमार पांडेय
कामाख्या, काशी 8840422767
ईमेल : sudhanshu.pandey159@gmail.com