Vitank Narsingh
विटंक नरसिंह
विटंक (अर्थ) : ऊँचा। पुं० १. बैठने का ऊँचा स्थान।
काशीखण्डः अध्यायः ६१
विटंकनरसिंहोस्मि नीलकंठेश्वरादनु ।। तत्र मां श्रद्धया पूज्य नरो भवति निर्भयः ।।१९७।।
नीलकंठेश्वर के पीछे मैं विटंकनरसिंह हूँ। वहां बड़ी श्रद्धा से मेरी पूजा करने से मनुष्य भयमुक्त हो जाता है।
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विटंक नरसिंह का मंदिर गौरी केदार मंदिर के पूर्वी द्वार जहां से गंगा जी का दर्शन होता है उसके ठीक बाहर बाई तरफ है।
Vitank Narasimha's temple is just outside the eastern gate of Gauri Kedar temple from where Ganga ji is visible on the left side.
For the benefit of Kashi residents and devotees:-
From : Mr. Sudhanshu Kumar Pandey
Kamakhya, Kashi 8840422767
Email : sudhanshu.pandey159@gmail.com
काशीवासी एवं भक्तगण हितार्थ:-
प्रेषक : श्री सुधांशु कुमार पांडेय
कामाख्या, काशी 8840422767
ईमेल : sudhanshu.pandey159@gmail.com