Valmikishwar (वाल्मिकीश्वर - वाल्मीकि टीला)

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Valmikishwar

वाल्मिकीश्वर

वाल्मीकि टीला - महर्षि वाल्मीकि की तपःस्थली

कपर्दी गण के शिवलिंग स्थापित करने के पश्चात त्रेता युग में महर्षि वाल्मीकि काशी आए, पित्रीश्वर के उत्तर भाग में कपर्दीश्वर महादेव के समीप उन्होंने तपस्या किया था। वह कपर्दीश्वर के उत्तर भाग में एक टीले पर रहते थे। वहां पर उन्होंने एक शिवलिंग की स्थापना की जिसे वाल्मीकीश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है।वाल्मीकि टीले से भगवान कपर्दीश्वर का दर्शन महर्षि वाल्मीकि को प्रतिपल होता रहता था काशी में कुछ प्रमुख टीले हैं। सिगरा टीला पर त्रिपुरान्तकेश्वर के रूप में, ओंकार किला पर ओंकारेश्वर के रूप में तथा वाल्मीकि टीले पर वाल्मीकीश्वर रूप में भगवान महादेव विराजते हैं। वर्तमान में वाल्मीकि टीला जनसंख्या विस्फोट के भेंट चढ़ गया तथा वाल्मीकि शिवलिंग को भी वहां से हटाने का कुत्सित प्रयास किया गया। साधु-संत समाज विरोध के कारण भगवान महादेव के लिंग को पुनः टीले के ऊपर निर्मित कटरा तथा कटरा के सबसे ऊपरी भाग पर मंदिर बनवा कर स्थापित कर दिया गया। वर्तमान में इस टीले के स्थान पर टी.एस.एम. कॉम्प्लेक्स मलदहिया पर स्थित है

स्कन्दपुराण : काशीखण्ड

।। स्कंद उवाच ।। 

कुंभसंभव वक्ष्यामि शृणोत्ववहितो भवान् । कपर्दीशस्य लिंगस्य महामाहात्म्यमुत्तमम् ।।

कपर्दी नाम गणपः शंभोरत्यंतवल्लभः । पित्रीशादुत्तरे भागे लिंगं संस्थाप्य शांभवम् ।।

कुंडं चखान तस्याग्रे विमलोदक संज्ञकम् । यस्य तोयस्य संस्पर्शाद्विमलो जायते नरः ।।

इतिहासं प्रवक्ष्यामि तत्र त्रेतायुगे पुरा । यथावृत्तं कुंभयोने श्रवणात्पातकापहम् ।।

एकः पाशुपत श्रेष्ठो वाल्मीकिरिति संज्ञितः । तपश्चचार स मुनिः कपर्दीशं समर्चयन् ।।

भगवान स्कंद ने कहा - हे कुंभयोनि! मैं कपर्दिश लिंग की महिमा और महत्व का वर्णन करूंगा। परम पावन कृपया ध्यान से सुनें। कपर्दी नाम के गणों के एक नेता, जो शंभु के बहुत बड़े प्रेमी थे, ने शंभु के लिंग को पित्रीश्वर के उत्तर में स्थापित किया। इसके सामने उसने विमलोदक नाम का एक कुंड खोदा। उसके जल का स्पर्श ही मनुष्य को अशुद्धियों से मुक्त कर देता है। मैं एक पारंपरिक कथा बिल्कुल वैसे ही सुनाऊंगा जैसे वहां त्रेता युग में घटी थीं। हे कुंभयोनि, इसे सुनने से पाप नष्ट हो जाते हैं। वाल्मिकी नामक एक उत्कृष्ट पाशुपत (पशुपति के भक्त) थे। ऋषि ने कपर्दिश की आराधना कर तपस्या की। (पिशाचमोचन माहात्म्य )


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वाल्मिकीश्वर महादेव - मलदहिया, वाल्मिकी टीला, सी.21/14, टी.एस.एम कॉम्प्लेक्स में स्थित है।
Valmikishwar Mahadev is situated at Maldahiya, Valmiki Tila, C.21/14, T.S.M Complex (Top Floor).


For the benefit of Kashi residents and devotees:-

From : Mr. Sudhanshu Kumar Pandey - Kamakhya, Kashi


काशीवासी एवं भक्तगण हितार्थ:-                                                   

प्रेषक : श्री सुधांशु कुमार पांडेय - कामाख्याकाशी


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