Gangakeshav (गंगाकेशव)

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Gangakeshav

गंगाकेशव

स्कन्दपुराण : काशीखण्ड

अशोकाख्यमिदं तीर्थं गंगाकेशव एष वै । मोक्षद्वारमिदं श्रेष्ठं स्वर्ग द्वारमिदं विदुः ।।
यह अशोक नामक तीर्थ है। ये गंगाकेशव हैं। यह मोक्ष का सर्वोत्तम द्वार (मोक्षद्वार) है। यह स्वर्ग का प्रवेश द्वार (स्वर्गद्वार) जाना जाता है। (मोक्षद्वार और स्वर्गद्वार पवित्र तीर्थस्थलों के नाम हैं।) - [स्कंदपुराण काशीखंड (अध्याय : ३)]
आमध्याद्देवसरित आ हरिश्चंद्रमडपात् ।। आ गंगा केशवादा च स्वर्द्वारान्मणिकर्णिका ।।
मणिकर्णिका दिव्य नदी (गंगा), हरिश्चंद्रमंडप, स्वर्गद्वार और गंगाकेशव के मध्य स्थित है। - [स्कंदपुराण काशीखंड (अध्याय : ३)]
।। श्रीविष्णुरुवाच ।।
आगंगा केशवादा च हरिश्चंद्रस्य मंडपात् ।। आमध्याद्देवसरितः स्वर्द्वारान्मणिकर्णिका ।।
भगवान विष्णु कहते हैं : मणिकर्णिका का विस्तार (सीमा) गंगाकेशव से हरिश्चंद्रमंडप तक और दिव्य नदी (गंगा) के मध्य से लेकर स्वरद्वार तक है। - [स्कंदपुराण काशीखंड (अध्याय : ६१)]
गंगाकेशवतीर्थं च तीर्थं चागस्त्य संज्ञकम् ।। ततस्तु योगिनीतीर्थं त्रिसंध्याख्यं ततः परम् ।।
इसके (ललिता तीर्थ) आगे तीर्थों की एक श्रृंखला है....जिसमे गंगाकेशव तीर्थ, अगस्त्य तीर्थ, योगिनी तीर्थ, त्रिसंध्याख्य तीर्थ हैं। - [स्कंदपुराण काशीखंड (अध्याय : ८३)]
पर्वतेशं ततो दृष्ट्वा गंगाकेशवमप्यथ ।। ततस्तु ललितां दृष्ट्वा जरासंधेश्वरं ततः ।।
कंबलेश्वर (नाग) और अश्वतरेश्वर (नाग) को प्रणाम करने के बाद और वासुकीश्वर को प्रणाम करते हैं। फिर वह क्रम से पर्वतेश्वर, गंगाकेशव, ललिता देवी (विग्रह एवं चरण पादुका) और जरासंधेश्वर के दर्शन करते हैं। - [स्कंदपुराण काशीखंड (अध्याय : १००)]

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गंगाकेशव, साम्राज्येश्वर पशुपतिनाथ (नेपाली मंदिर) से ललिता घाट की ओर जाने वाली सीढ़ियों की ओर स्थित है।
Gangakeshav is located on the side of the stairs leading to the Lalita Ghat from Samrajeshwar Pashupatinath (Nepali Temple).

For the benefit of Kashi residents and devotees:-

From : Mr. Sudhanshu Kumar Pandey - Kamakhya, Kashi


काशीवासी एवं भक्तगण हितार्थ:-                                                   

प्रेषक : श्री सुधांशु कुमार पांडेय - कामाख्याकाशी


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