Vamankeshav (Madhusudan)
वामनकेशव (मधुसूदन)
दर्शन महात्म्य : अक्षय तृतीया
काशीखण्डः अध्यायः ६१
वामनाख्येमहातीर्थे मनःप्रार्थितदे शुभे ।। पूज्योहं शुभमिच्छद्भिर्नाम्ना वामनकेशवः ।। १५ ।।
वामनतीर्थ नाम के महान तीर्थ में जो शुभ है और जो मानसिक रूप से भी प्रार्थना की गई हर चीज को पूरा करता है। मुझे, वामनकेशव के नाम से पूजा की इच्छा रखने वाले लोगों द्वारा पूजा जाना चाहिए।
वामनः शंखचक्राब्जगदाभिरुपलक्षितः ।। लक्ष्मीवंतं जनं कुर्याद्गृहेपि परिधारितः ।।२२०।।
वामन शंख, चक्र, पद्म और गदा से सुसज्जित है। घर में स्थापित होने पर वह लोगों को समृद्ध बनातें हैं।
केशव
केशी एक प्रसिद्ध दानव था। यह कंस का अनुचर और घोड़े के रूप का दानव था और कश्यप की पत्नी दक्षकन्या दनु के गर्भ से उत्पन्न सभी दानवों में अधिक प्रतापी था। महाभारत के अनुसार इसने प्रजापति की कन्या दैत्यसेना का हरण करके उससे विवाह कर लिया था। इसने वृंदावन में असंख्य गौओं तथा गोपों का वध किया था। अंत में इसे श्रीकृष्ण ने मारा जिससें उनका नाम 'केशव' पड़ा।
मधुसूदन एवं कैटभभाजित
मधु और कैटभ सृष्टि के निर्माण की प्राचीन भारतीय अवधारणा से जुड़े हुए दो प्रसिद्ध दैत्य हैं। इन दोनों का जन्म कल्पान्त तक सोते हुए विष्णु के दोनों कानों से हुई थी। जब वे ब्रह्मा को मारने दौड़े तो विष्णु ने उन्हें नष्ट कर दिया। भगवान विष्णु का एक नाम मधुसूदन और कैटभभाजित इन दोनों का वध करने के पश्चात् हुआ | मधुसूदन ( मधु दैत्य का संहार करने वाले ) कैटभभाजित ( कैटभ दैत्य के विनाशक )
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वामन केशव A.2/29, त्रिलोचन पर स्थित है।
Vaman Keshav is located at A.2/29, Trilochan.
For the benefit of Kashi residents and devotees:-
From : Mr. Sudhanshu Kumar Pandey
Kamakhya, Kashi 8840422767
Email : sudhanshu.pandey159@gmail.com
काशीवासी एवं भक्तगण हितार्थ:-
प्रेषक : श्री सुधांशु कुमार पांडेय
कामाख्या, काशी 8840422767
ईमेल : sudhanshu.pandey159@gmail.com