Venkateswara (वेंकटेश्वर, तिरुपति, बालाजी)

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Venkateswara
वेंकटेश्वर

काशी में भगवान वेंकटेश्वर : कई सौ वर्ष पहले बाला जी की मूर्ति काशी के पंचगंगा घाट के निकट किनारे ही निवास करने वाले एक ग़रीब ब्राह्मण को गंगा जी में मिली थी। उस ब्राह्मण ने मूर्ति को वहीं एक पेड़ के नीचे स्थापित कर दिया। सन 1857 के पहले पेशवाओं ने इस मूर्ति की स्थापना मंदिर में की। तब से लेकर आज तक यह मूर्ति राज परिवार के संरक्षण में है घाट का नाम भगवान के नाम पर बालाजी घाट हो गया है

Lord Venkateswara in Kashi: Several hundred years ago, the idol of Balaji was found in Gangaji by a poor Brahmin living near Panchganga Ghat in Kashi. That Brahmin installed the idol there under a tree. Before 1857, Peshwas installed this idol in the temple. Since then till today this idol is under the protection of the Raj family. The name of the Ghat has become Balaji Ghat after the name of the God.

काशी में भगवान बालाजी का वास (सुधांशु कुमार पाण्डेय द्वारा देव इच्छा से वर्णितस्कंद पुराण काशी खंड के अध्याय 61 में भगवान श्री हरि विष्णु काशी में स्थित वैष्णव तीर्थों का वर्णन करते हैं जिनमें भगवान के समस्त अवतारों का वर्णन है वह जितने भी अवतार लेंगे वह काशी में भी देव इच्छा से प्रतिष्ठित होंगेजिसका भान भगवान स्वयं समय-समय पर काशी में कराते रहते हैं एक गरीब ब्राह्मण को काशी में गंगा किनारे भगवान की दिव्य मूर्ति प्राप्त होना एवं उसकी प्रतिष्ठा होना तथा घाट का नाम भी भगवान के नाम पर बालाजी घाट प्रतिष्ठित हो जाना यह सब देव इच्छा ही दृष्टिगोचर होती है भगवान स्वयं श्रीमन्नारायण तिरुमाला से यहां काशी में निवास कर रहे हैं साथ में भूदेवी (पद्मावती) एवं वामांग भाग में श्रीदेवी भी है। काशी में भगवान बालाजी का एक बार दर्शन मूल तिरुमाला में स्थित भगवान बालाजी के पांच बार दर्शन के समान हो जाता है काशी की महत्ता के अनुसार...

Abode of Lord Balaji in Kashi (As described by Sudhanshu Kumar Pandey from Dev Ichha): In Chapter 61 of Skanda Purana Kashi Khand, Lord Sri Hari Vishnu describes the Vaishnava Tirthas located in Kashi. In which all the incarnations of God are described. All the incarnations he will take, he will be respected in Kashi also by the will of God. God himself keeps making aware of this in Kashi from time to time. A poor Brahmin getting the divine idol of God on the banks of the Ganges in Kashi and its reputation and the name of the ghat also being established as Balaji Ghat in the name of God, all this is visible as God's will. Lord Himself is residing here in Kashi from Srimannarayana Tirumala along with Bhudevi (Padmavathi) and Sridevi in Vamanga Bhag. Visiting Lord Balaji once at Kashi is equal to visiting Lord Balaji five times at the original Tirumala. According to the importance of Kashi...

तिरुमला, तिरुपति, सप्तगिर‍ि व्याख्या

वेंकटेश्वर (तेलुगु: వెంకటేశ్వరుడు, तमिल: வெங்கடேஸ்வரர், कन्नड़: ವೆಂಕಟೇಶ್ವರ, संस्कृत: वेंकटेश्वरः) भगवान विष्णु के दशावतारों में से नवें एवम् चौबीस अवतारों में से तेइसवें अवतार माने जाते हैं। उन्हें गोविंदा, श्रीनिवास, बालाजी, वेंकट आदि नामों से भी जाना जाता है।

1- तिरुमला दो शब्दें से बना है। तिरु और मला। तिरु का अर्थ श्री या पवित्र या लक्ष्मी हैं, और मला का अर्थ मलय, पहाड या पर्वत के हैं। अर्थात तिरुमला का अर्थ, श्री पर्वत, पवित्र पर्वत या लक्ष्मी पर्वत के हैं।

2- तिरुपति भारत के सबसे प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में से एक है। यह आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित है। समुद्र तल से 3200 फीट ऊंचाई पर स्थिम तिरुमला की पहाड़ियों पर बना श्री वैंकटेश्‍वर मंदिर यहां का सबसे बड़ा आकर्षण है। 

3- तिरुमाला-तिरुपति के चारों ओर स्थित पहाड़ियाँ, शेषनाग के सात फनों के आधार पर बनीं 'सप्तगिर‍ि' कहलाती हैं।

तीनो को साथ में लेने पर यह निष्कर्ष  निकलता है : तिरुमाला का अर्थ लक्ष्मी पर्वत जिस पर तिरु अर्थात लक्ष्मी, लक्ष्मी के पति अर्थात विष्णु, सप्तगिरि अर्थात भगवान अनंत (शेषनाग) पर निवास करते हैं


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लष्मीपति बालाजी का मंदिर बालाजी घाट पर स्थित है। दूसरा रास्ता मंगला गौरी के ठीक बाहर मंदिर के ठीक बाहर एक सीढ़ी नीचे जाती है वहां से जा सकते हैं।
The temple of Laxmipati Balaji is located at Balaji Ghat. The other way is just outside Mangala Gauri, just outside the temple, a staircase goes down. From there you can go.

For the benefit of Kashi residents and devotees:-

From : Mr. Sudhanshu Kumar Pandey 

Kamakhya, Kashi 8840422767 

Email : sudhanshu.pandey159@gmail.com


काशीवासी एवं भक्तगण हितार्थ:-                                                   

प्रेषक : श्री सुधांशु कुमार पांडेय

कामाख्याकाशी 8840422767

ईमेल : sudhanshu.pandey159@gmail.com


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