Srimannarayana's Position on Earth (श्रीमन्नारायण की पृथ्वी पर स्थिति)

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Srimannarayana's Position on Earth 

(श्रीमन्नारायण की पृथ्वी पर स्थिति)

 स॒हस्र॑शीर्षा॒ पुरु॑षः । स॒ह॒स्रा॒क्षः स॒हस्र॑पात् । स भूमिं॑ वि॒श्वतो॑ वृ॒त्वा ।अत्य॑तिष्ठद्दशाङ्गु॒लम् ।
जो सहस्रों सिरवाले, सहस्रों नेत्रवाले और सहस्रों चरणवाले विराट पुरुष हैं, वे सारे ब्रह्माँड को आवृत करके भी दस अंगुल शेष रहते हैं।

Position of Lord Narayan in different places at different times
- : भगवान नारायण की भिन्न-भिन्न समय में भिन्न-भिन्न जगहों में स्थिति : -

प्रभाते बद्रिकारण्ये मध्यान्हे मणिकर्णिकाम्। भोजने तु जगन्नाथं शयने कृष्ण द्वारिकाम्।। 

भगवान विष्णु अपने वाहन गरुड़ पर विराजमान होकर नित्य निम्न प्रकार दिनचर्या का पालन करते हैं:- 

भगवान प्रात: श्री बद्रीनाथ, भोजन के लिये श्री जगन्नाथपुरी, मध्याह्न काशी में स्नान के लिए मणिकर्णिका में, शयन के लिये श्री द्वारिकापुरी और पुन: प्रभात में श्री बद्रिकाश्रम  में रहते है। 

Lord Narayan resides in Shri Badrinath in the early morning, Manikarnika for bath in Kashi in the afternoon, Shri Jagannathpuri for the food, Shri Dwarikapuri for sleep and again in the morning at Shri Badrikashram.

क्या भिन्न-भिन्न समयों में भगवान नारायण का इन भिन्न-भिन्न स्थानों पर दर्शन संभव है?

मूल में तो असंभव सा है। परंतु स्कंद पुराण काशी खंड का अनुसरण करते हुए एक ऐसी युक्ति निकाली है कि आप भगवान नारायण के विभिन्न जगहों में भिन्न-भिन्न समयों जो स्थिति इस श्लोक में है उसका आप प्रत्यक्ष दर्शन भिन्न-भिन्न समयो में प्रत्यक्ष कर सकते हैं। इसके लिए आपको काशीपुरी जाना होगा। काशी में समस्त तीर्थों का प्राकट्य है। यह पुराणों का वचन है। अब चलते हैं दर्शन की ओर -

  1. भगवान नारायण बद्रीनाथ में उषाकाल में तप करते हैं इसके लिए काशी के नर नारायण बद्रीनारायण घाट पर जाकर भगवान बद्रीनारायण का दर्शन करें।  
  2. भगवान मध्यान्ह में काशी की चक्र पुष्कर्णी मणिकर्णिका में स्नान के लिए आते हैं।  वहां जाएं और मध्यान्ह में स्नान करें।
  3. भगवान भोजन के लिए जगन्नाथपुरी में जाते हैं। पुरुषोत्तम भगवान के मंदिर हौज कटरा में स्थित त्रंबकेश्वर महादेव के मंदिर जा सकते हैं। काशी की चार धाम यात्रा मार्ग में आने वाले असी तट समीप स्थित भगवान जगन्नाथ जी का दर्शन कर सकते हैं।  
  4. रात्रि में भगवान नारायण शयन के लिए द्वारिकापुरी जाते हैं। काशी के शंकुधारा स्थित द्वारिकाधीश के मंदिर में जाकर भगवान द्वारिकाधीश का दर्शन करें।  

इस प्रकार यह असंभव कार्य भी काशी में प्रत्यक्ष संभव है...भगवत कृपा से इस दास को भगवान ने जैसा स्मरण कराया वैसा ही इस लेख में संग्रहित कर रहा हूं..जय श्रीमन्नारायण जय श्री काशी विश्वनाथ..

For the benefit of Kashi residents and devotees:-

From : Mr. Sudhanshu Kumar Pandey 

Kamakhya, Kashi 8840422767 

Email : sudhanshu.pandey159@gmail.com


काशीवासी एवं भक्तगण हितार्थ:-                                                   

प्रेषक : श्री सुधांशु कुमार पांडेय

कामाख्याकाशी 8840422767

ईमेल : sudhanshu.pandey159@gmail.com


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