Siddhamata
सिद्धमाता, गोलघर - काशी में गुजरातियों की कुलदेवी
स्थापना वर्ष : 15वीं से 16वीं शताब्दी (पुष्टिमार्ग अनुयायियों द्वारा)
काशी में ब्रह्मांड के समस्त देवी-देवता अपने मूल में स्थित तीर्थ के साथ 15 कलाओं से विराजमान है। काशी में इनका किया हुआ मात्र एक बार का दर्शन-पूजन मूल में किए हुए कम से कम पांच बार दर्शन के समतुल्य हो जाता है। ऐसा पुराणों का वचन है। विभिन्न काल खंडों में काशी में अनेक प्रांत के लोगों का आगमन हुआ। यह लोग जिस भी संप्रदाय से संबंधित थे उन्होंने काशी में आकर अपने कुलदेवता तथा कुलदेवी का मंदिर निर्माण करवाया।
श्रीनाथजी वैष्णव सम्प्रदाय के केंद्रीय पीठासीन देव हैं जिन्हें पुष्टिमार्ग (कृपा का मार्ग) या वल्लभाचार्य द्वारा स्थापित वल्लभ सम्प्रदाय के रूप में जाना जाता है। श्रीनाथजी को मुख्य रूप से भक्ति योग के अनुयायियों और गुजरात और राजस्थान में वैष्णव और भाटिया एवं अन्य लोगों द्वारा पूजा जाता है। उसी क्रम में जब वल्लभाचार्य जी से प्रभावित होकर काशी में गुजराती समुदाय आया तो १५ से १६ वीं शताब्दी के आसपास उन्होंने अपनी कुलदेवी सिद्धमाता के मंदिर का निर्माण गोलघर में करवाया। तब से आज तक काशी में निवास कर रहे सभी गुजराती मूल के लोग नवरात्रि के दिवस में सिद्धमाता गोलघर का दर्शन अनिवार्य रूप से करते हैं।
काशी में गुजरातियों का आगमन : वाराणसी में गुजरातियों का आगमन 15 वीं शताब्दी में हुआ। पुष्टिमार्ग के अनुयाई (वैष्णव) होते हुए यह सभी काशी आकर श्री वल्लभाचार्य जी के सानिध्य में निवास करने लगे। इनमें से ज्यादातर भाटिया तथा अन्य थे। भाटिया जिस मोहल्ले में आकर रुके वह आज भी वाराणसी में भाट की गली के नाम से जानी जाती है। यह सभी वल्लभाचार्य जी के अनुयाई थे। वर्तमान में इन्हीं की पीढ़ी काशी में आगे चल रही है।
काशी की मूल सिद्धिदात्री : काशीखंड स्कंदपुराण के अनुसार ९ दिन की नवरात्रि में काशी में स्वयं रूप से स्थित नवदुर्गा का दर्शन-पूजन विवरण दिया है। जिसमें नौवें दिन चंद्रेश्वर महादेव के समीप माता सिद्धेश्वरी का दर्शन करने का विधान काशी में है।
मूल सिद्धिदात्री पता : सिद्धेश्वरी मंदिर सी.के.7/124 (चन्द्रकूप) सिद्धेश्वरी गली, गढ़वासी टोला, संकटा माता मंदिर मार्ग, चौक, वाराणसी।
स्कन्दपुराण : काशीखण्ड
तत्र सिद्धेश्वरीपीठे चन्द्रेश्वरसमीपतः। तत्र सन्निधिकर्तॄणां सिद्धिः षण्मासतो भवेत् ॥
चन्द्रेश्वर के समीप में सिद्धेश्वरी पीठ है, वहाँ पर रहने वालों की छह मास में सिद्धि हो जाती है।
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सिद्धमाता मंदिर सी.के.60/29 गोलघर में स्थित है।
Siddhamata Temple is located at CK.60/29 Golghar.
For the benefit of Kashi residents and devotees:-
From : Mr. Sudhanshu Kumar Pandey - Kamakhya, Kashi
काशीवासी एवं भक्तगण हितार्थ:-
प्रेषक : श्री सुधांशु कुमार पांडेय - कामाख्या, काशी