Dhanwantarishwar (धन्वंतरीश्वर)

0

Dhanwantarishwar

धन्वंतरीश्वर

स्कन्दपुराण : काशीखण्ड

तद्दक्षिणे श्रेयसे च लिंगं स्यान्मालतीश्वरम् । हस्तीश्वरादुत्तरे तु जयंतेशो जयप्रदः ।।
बंदीश्वरो महाकाल कुंडादुत्तरतः शुभः । बंदिकुंडं च विख्यातं वाराणस्यां महाघहृत्।।
तत्र स्नानेन दानेन श्राद्धेनाक्षयमश्नुते । धन्वंतरीश्वरं लिंगं कुंडं तन्नाम चैव हि ।।
तस्य लिंगस्य नामान्यत्कुंडनामान्यदेव हि । तुंगेश्वरं लिंग नाम कुंडं वैद्येश्वराभिधम् ।।
सुधामय्यो महौषध्यः क्षिप्तास्तत्र महाधियः ।। 
तत्कुंडस्नानतस्तस्मात्तल्लिंग परिवीक्षणात् । नश्यंति व्याधयः सर्वे सह पापैः सुदारुणैः ।।
तदुत्तरे हलीशेशः सर्वव्याधिनिपूदनः । शिवेश्वरः शिवकरस्तुंगनाम्नश्च दक्षिणे ।।
ऐरावतेश्वर के........दक्षिण में स्थित मालतीश्वर लिंग कल्याण के लिए अनुकूल है। हस्तीश्वर के उत्तर में स्थित जयन्तेश्वर विजय प्रदान करता है। शुभ बंदीश्वर महाकाल कुंड के उत्तर में है। बन्दी कुण्ड वाराणसी में महापापों का नाश करने वाले के रूप में प्रसिद्ध है। वहां पवित्र स्नान करने, दान देने और श्राद्ध करने से मनुष्य को अनंत पुण्य प्राप्त होता है। लिंग धन्वंतरिश्वर है और कुंड का नाम उसके बाद रखा जाना चाहिए था। लेकिन, लिंग का नाम तुंगेश्वर और कुंड का नाम वैद्येश्वर है। उसमें अमृत से भरपूर तथा बुद्धि की उत्कृष्टता को बढ़ाने वाली महान औषधियाँ डाली गई हैं। अतः उसमें स्नान करने तथा उस लिंग के दर्शन करने से भयानक पापों के साथ-साथ समस्त रोग भी नष्ट हो जाते हैं। उसके उत्तर में हलीशेश्वर है, जो सभी रोगों का नाश करने वाला है। शुभ दाता शिवेश्वर तुंग नामक देवता के दक्षिण में हैं। - [स्कंदपुराण काशीखंड (अध्याय : ९७)]

GPS LOCATION OF THIS TEMPLE CLICK HERE

धन्वंतरीश्वर महादेव मृत्युंजय महादेव मंदिर परिसर के भीतर  दारानगर में स्थित है।
Dhanvantarishwar Mahadev is located in Daranagar within the Mrityunjaya Mahadev temple complex.

For the benefit of Kashi residents and devotees:-

From : Mr. Sudhanshu Kumar Pandey - Kamakhya, Kashi


काशीवासी एवं भक्तगण हितार्थ:-                                                   

प्रेषक : श्री सुधांशु कुमार पांडेय - कामाख्याकाशी


Post a Comment

0Comments
Post a Comment (0)