वृषेश्वर
वृषेश्वरगंज : काशी में भगवान शिव के वृषभ या वृष अर्थात नंदी द्वारा मन्दाकिनी तट पर स्थापित वृषेश्वर महालिङ्ग के कारण, काशीस्थ इस क्षेत्र का नाम कलिकाल में गंज अर्थात भंडार, या अनाज रखने का स्थान के रूप में परिणित हो जाने से क्षेत्र निवासियों द्वारा वृषेश्वरगंज बोलचाल की भाषा में प्रचलित हो गया। जिन्हे यह नहीं पता वे वृषेश्वरगंज को विश्वेश्वरगंज कहते हैं। कुछ यह कुतर्क देते हैं कि - विश्वेश्वर का यहाँ मूल स्थान था इसीलिए जगह और मोहल्ले का नाम विश्वेश्वरगंज है।
एक बार भगवान शिव, कृति वासेश्वर के रूप में, देवी उमा देवी के साथ बैठे थे, जब नंदी ने अपनी प्रार्थना की और कहा कि इस पवित्र स्थान में भगवान शिव को समर्पित ऐसे 68 स्थान (मूर्तियां / शिवलिंग) हैं। जिन्हें अन्य स्थानों से नंदी द्वारा काशी में लाकर स्थापित किया गया है। वृषभध्वज तीर्थ से वृषेश्वर नाम से एक महालिंग पवित्र शहर काशी में प्रकट हुआ है। जो भक्त इस लिंग की पूजा करते हैं वे सदैव सुखी (प्रसन्न) रहते हैं।
For the benefit of Kashi residents and devotees:-
From : Mr. Sudhanshu Kumar Pandey - Kamakhya, Kashi
काशीवासी एवं भक्तगण हितार्थ:-
प्रेषक : श्री सुधांशु कुमार पांडेय - कामाख्या, काशी
॥ हरिः ॐ तत्सच्छ्रीशिवार्पणमस्तु ॥