Jyestha Vinayak
ज्येष्ठ विनायक
॥ दर्शन महात्म्य ॥
ज्येष्ठ विनायक : ज्येष्ठ शुक्ल चतुर्थी ॥ ज्येष्ठा गौरी : ज्येष्ठ शुक्ल अष्टमी ॥
ज्येष्ठेश्वर : ज्येष्ठ शुक्ल चतुर्दशी (सोमवार, अनुराधा नक्षत्र अति दुर्लभ योग)॥
काशीखण्डः अध्यायः ५७
तस्य संदर्शनात्पुसां भवेच्छ्रीः सर्वतोमुखी । ज्येष्ठो नाम गणाध्यक्षो ज्येष्ठो मे पुत्रसंपदि ॥१०२॥
ज्येष्ठशुक्लचतुर्दश्यां संपूज्यो ज्येष्ठताप्तये । स्थितो वह्निदिशो भागे चिंतामणि विनायकात् ॥१०३॥
ज्येष्ठ नामक गणाध्यक्ष मेरे असंख्य पुत्रों में सबसे बड़े हैं। वह चिंतामणि विनायक के दक्षिण-पूर्व में स्थित है। अति श्रेष्ठता की प्राप्ति के लिए ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष चतुर्दशी को उनकी पूजा करनी चाहिए।
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EXACT GPS LOCATION : 25.31707221203173, 83.01086924002269
For the benefit of Kashi residents and devotees:-
From : Mr. Sudhanshu Kumar Pandey - Kamakhya, Kashi
काशीवासी एवं भक्तगण हितार्थ:-
प्रेषक : श्री सुधांशु कुमार पांडेय - कामाख्या, काशी
॥ हरिः ॐ तत्सच्छ्रीशिवार्पणमस्तु ॥